Click here for Myspace Layouts

Wednesday 10 October 2012

छोटे मुक्‍तक -4


तेरा आंचल ही मेर
मेरे भविष्‍य का निर्माता है,
दुनियां की नजरों से,
दागदार न हो जाए।
----
तुम्‍हारा चरित्र ही
मेरी जिन्‍दगी की सबसे
बड़ी पूंजी है।
दुनिया की नजरों से
इस पूंजी को घटाना या बढ़ाना
तुम्‍हारे हाथ में है।
---
तुम्‍हारे लिए मौसम की,

हर परिस्थ्‍िातियां सह सकते हैं हम।

हमारी खुशियों का भी तो,

कुछ इज़हार करो।

No comments:

Post a Comment