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Sunday 7 October 2012

छोटे मुक्‍तक -1


बन्‍द पलकों की सीप में
कीमती ये दो मोती
तेरी ये दो आंखें हैं।
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तेरे आंसूओं में
दर्द मेरे भरे हैं,
इन्‍हें बहने से रोको
दुनियां कहीं इसमें ढूब न जा जाए।
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अपने दर्द को न छुपा साकी
तेरे बहते आंसूओं ने बता दिय,
मेरे आंसूओं से मिलकर
मेरे ही दिल को पिघला दिया।
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