हर रात तेरे नाम
से जवां है
जन्म देती है स्वप्नों
की टोली को,
खींच ले जाती है
यादे तेरी
जिन्दगी के मंच
पर,
जानकर भी खेल नहीं
पाते
नाटक खेलना सिखा
दिया।
सूरज की पहली किरण
ला पटकती है
दुनिया की चमकीली
रेत पर,
करवटे बदलते बदलते
छोड़ देना पड़ा
काली रात का आंचल,
खो जाते है आकर
दुनिया की भीड़
में,
नई कल्पनाओं को
जन्म देने के लिए।
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बोले तो, एक दम झक्कास...
ReplyDeleteक्या आप Facebook पर अनचाही Photo Tagging से परेशान हैं?