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Monday 18 February 2013

रंगों का त्‍यौहार



लो आया बसंत
झूंम उठा अमलतास
फिजाओं की मिठास
लो आया रंगों का त्‍यौहार।

फाल्‍गुनी बयार ने
बिखेरा अबीर-गुलाल
तन-मन रंग लो
न रहे कोई मलाल
लो आया रंगों का त्‍यौहार।

ये गलियां और चौबारा
रंगों से है सराबोर
मस्‍तानों की टोली
खड़ी है तेरे द्वार
लिए अबीर-गुलाल
लो आया रंगों का त्‍यौहार।

रखना संभाल
कोरा आंचल, गोरे गाल
राह तक रही होगी
बाहें फैलाए
लिए अबीर-गुलाल
लो आया रंगों का त्‍यौहार।

नाचे मन मयूर
झूम उठे तन-मन
भीगे चोली और दामन
लिए उमंग और प्‍यार
लो आया रंगों का त्‍यौहार।

रंगों से निखरेगा
रूप और तेरा यौवन
संकुचाई सी देगी
मौन स्‍वीकृति
उढ़ेलने को रंगों भरा दुलार
लो आया रंगों का त्‍यौहार।
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2 comments:

  1. बहुत सुंदर बसंत के स्वागत की रचना यह इसका भी संकेत हैं की होली आने वाली हैं

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