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Sunday 10 February 2013

सहारा दे दो




पथराई सी थकी आंखों को
एक नज़र का सहारा दे दो।

भँवर में फंसी कश्‍ती को
एक पतवार का सहारा दे दो।

बह न जाएं मझधार में हम
एक किनारे का सहारा दे दो।

समय रू गया है तेरे इन्‍तजार में
एक पल का सहारा दे दो।

लड़खड़ा न जाएं गर कदम तेरी चाहत में
अपनी खमोश बाहों का सहारा दे दो।

सांझ ढले उतरती तनहाइयां रात के पैमाने में
अपने लहराते आंचल का सहारा दे दो।

सर्द हवाओं में कांपते लबों को
एक मुस्‍कान का सहारा दे दो।

स्‍मृतियों के घरोंदों से गुम हुआ
अक्ष तुम्‍हारा
एक तस्‍वीर का सहारा दे दो।
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