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Thursday 10 January 2013

प्रणय गीत



व्‍यस्‍तता में लीन
खनकती कलाओं का संगीत
पुकार रहा मुझे
कौन सा प्रणय गीत।

आभास दिलाता
हो कहीं आस-पास
बज रहा
तन्‍हाइयों का संगीत
पुकार रहा मुझे
कौन सा प्रणय गीत।

न रुनझुंन न वो झन्‍कार
चलता है पता न
उसके आने का
लिए बिन घुंघरू की
पायल का संगीत
पुकार रहा मुझे
कौन सा प्रणय गीत।
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1 comment:

  1. बहुत सुंदर प्रेममयी भावाव्यक्ति ,बधाई

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