व्यस्तता में लीन
खनकती कलाओं का संगीत
पुकार रहा मुझे
कौन सा प्रणय गीत।
आभास दिलाता
हो कहीं आस-पास
बज रहा
तन्हाइयों का संगीत
पुकार रहा मुझे
कौन सा प्रणय गीत।
न रुनझुंन न वो झन्कार
चलता है पता न
उसके आने का
लिए बिन घुंघरू की
पायल का संगीत
पुकार रहा मुझे
कौन सा प्रणय गीत।
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बहुत सुंदर प्रेममयी भावाव्यक्ति ,बधाई
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